Abhishek Tripathi

मिर्जापुर- कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना

राजा हरिश्चन्द्र जैसी पारिवारिक फिल्मों से शुरू होने वाले बॉलिवुड का पतन तो 90 के दशक से ही शुरू हो गया था जिसमें आख़िरी…

हम उल्का पिंड से कैसे बचें- एक कांग्रेसी की कलम से (व्यंग)

अभी तक कॉंग्रेस ने सिर्फ़ देश को विदेशी ताकतों से बचाया है, पर इस बार मानवता की हर हद पार करते हुए हमारी समग्र…

सुरक्षा कर्मियों पर हमले क्यों?

अन्ना आंदोलन के बाद सरकार विरोधी बात करने वालों को अभूतपूर्व रूप से महिमामंडित करने की प्रवृत्ति ने असफल लोगों के अंदर कुंठा उत्पन्न…

विधि का विधान या आपका संकल्प?

हम विधि के विधान को शायद न बदल पाए लेकिन यदि हमारी इच्छा शक्ति मजबूत है हम उसके प्रति समर्पित हो तो परिणाम प्राप्ति…